उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के लाखों आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को एक बड़ी राहत देने का निर्णय लिया है। सरकार ने सभी विभागों, कार्यालयों और संस्थानों में कार्यरत आउटसोर्स कर्मियों के लिए न्यूनतम मासिक वेतन ₹18,000 निर्धारित कर दिया है। यह निर्णय न केवल उनकी आर्थिक स्थिरता को मजबूती देगा, बल्कि उनकी सामाजिक स्थिति में भी सुधार लाने का उद्देश्य रखता है।
नया वेतन कब से होगा लागू?
प्रदेश सरकार द्वारा जारी आदेशों के अनुसार यह संशोधित वेतनमान 1 अगस्त 2025 से लागू किया जाएगा। श्रम विभाग और वित्त विभाग ने इस फैसले की पुष्टि करते हुए इसे राज्य भर में लागू करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। यह नियम सभी सरकारी विभागों, बोर्डों और निगमों में काम कर रही आउटसोर्सिंग एजेंसियों पर अनिवार्य रूप से लागू होगा।
वेतन भुगतान में पारदर्शिता होगी सुनिश्चित
सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि आउटसोर्स कर्मचारियों को अब समय पर वेतन मिले और किसी प्रकार की कटौती या देरी न हो। सभी विभागों को स्पष्ट आदेश जारी किए गए हैं कि कर्मचारियों का वेतन सीधे उनके बैंक खातों में ट्रांसफर किया जाए। इसके लिए निगरानी और रिपोर्टिंग तंत्र भी स्थापित किया जाएगा ताकि प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे।
समान कार्य के लिए समान वेतन का सिद्धांत लागू
सरकार का यह कदम “समान कार्य के लिए समान वेतन” की नीति को और मजबूत करता है। इससे कर्मचारियों के मनोबल में वृद्धि होगी, जिससे विभागीय कार्यों की गुणवत्ता में सुधार होगा। यदि किसी एजेंसी द्वारा तय वेतन से कम राशि दी जाती है, तो उस पर सख्त विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
सरकार की संवेदनशीलता पर कर्मचारियों ने जताया आभार
इस फैसले के बाद प्रदेश भर के आउटसोर्स कर्मचारियों में खुशी की लहर है। कर्मचारियों ने सरकार की संवेदनशीलता की सराहना करते हुए कहा कि यह निर्णय उनकी मेहनत और अधिकारों को सम्मान देने जैसा है। इससे उन्हें कार्य के प्रति समर्पण के साथ बेहतर प्रदर्शन करने का हौसला मिलेगा।
यूपी आउटसोर्स कर्मचारियों के वेतन से जुड़ी जानकारी
Q1. नया न्यूनतम वेतन कितनी राशि का तय किया गया है?
उत्तर: उत्तर प्रदेश सरकार ने आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए न्यूनतम वेतन ₹18,000 प्रति माह निर्धारित किया है।
Q2. यह वेतनमान कब से लागू होगा?
उत्तर: यह नया वेतनमान 1 अगस्त 2025 से पूरे प्रदेश में प्रभावी होगा।
Q3. क्या यह नियम सभी विभागों पर लागू होगा?
उत्तर: हां, यह नियम राज्य सरकार के सभी विभागों, बोर्डों, निगमों और एजेंसियों पर लागू होगा जो आउटसोर्सिंग के तहत सेवाएं लेती हैं।