पिछले कुछ समय से सरसों तेल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है, जिससे आम जनता की रसोई का बजट डगमगा गया है। ताजा जानकारी के अनुसार, खुदरा बाजार में सरसों तेल के दाम एक महीने के भीतर ₹30 प्रति लीटर तक बढ़ चुके हैं। इसका मुख्य कारण कच्ची सरसों के मूल्यों में तेजी है, जो सीधे तौर पर खाद्य तेल की कीमतों पर असर डालती है। पहले जहां सरसों तेल ₹150 प्रति लीटर में आसानी से मिल जाता था, अब वही तेल ₹180 तक पहुँच चुका है। वहीं कच्ची सरसों की कीमतें भी ₹55 प्रति किलो से बढ़कर ₹72 प्रति किलो तक पहुंच गई हैं।
उत्तर प्रदेश के कई जिलों में यह बढ़ोतरी साफ तौर पर देखी जा सकती है। मुरादाबाद, अमरोहा, बिजनौर, संभल और रामपुर जैसे शहरों में सरसों तेल की कीमत ₹175 से ₹180 प्रति लीटर तक रिकॉर्ड की गई है। खुदरा विक्रेता जानकारी की कमी का फायदा उठाकर ग्राहकों से मनमाने दाम वसूल रहे हैं, जिससे आम आदमी की जेब और भी ढीली हो रही है। ऐसे में जरूरी है कि उपभोक्ता सरसों और सरसों तेल की कीमतों से अपडेट रहें, ताकि उन्हें अनावश्यक खर्च से बचाया जा सके। इस तेजी ने एक बार फिर खाद्य सामग्री की कीमतों को लेकर चिंता बढ़ा दी है।
FAQ
1: क्या वाकई सरसों तेल की कीमतों में ₹30 प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है?
उत्तर: हां, बीते एक महीने में खुदरा बाजार में सरसों तेल की कीमत में लगभग ₹30 प्रति लीटर की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। पहले जो तेल ₹150 में मिलता था, अब ₹180 प्रति लीटर तक बिक रहा है।
प्रश्न 2: सरसों तेल महंगा होने का मुख्य कारण क्या है?
उत्तर: सरसों तेल की कीमतों में उछाल का प्रमुख कारण कच्ची सरसों के दामों में तेज बढ़ोतरी है। सरसों के दाम ₹55 प्रति किलो से बढ़कर ₹72 प्रति किलो हो गए हैं, जिससे तेल भी महंगा हो गया।
प्रश्न 3: किन शहरों में सरसों तेल सबसे महंगा बिक रहा है?
उत्तर: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद, अमरोहा, बिजनौर, संभल और रामपुर जैसे शहरों में सरसों तेल की कीमत ₹175 से ₹180 प्रति लीटर तक पहुंच चुकी है।